छत्तीसगढ़ी मुहावरे अर्थ (chhattisgarhi muhavare) । chhattisgarhi bhasha ke muhavare
छत्तीसगढ़ी मुहावरे का अर्थ । छत्तीसगढ़ी मुहावरे अर्थ
छत्तीसगढ़ी मुहावरे अर्थ (chhattisgarhi muhavare ka arth) ! chhattisgarhi muhavare ka arth
chhattisgarhi 10 muhavare
- अंगार फूंकना- गुस्सा आना।
- अकास में गोड़ मढ़ाना- अत्यधिक उत्साहित होना।
- अपन रद्दा आना - किसी के मामले में नहीं अपना राह जाना।
- अरई लगना- हाथ धोकर पीछे पड़ना।
- आखी के काजर होना- अत्यन्त प्यारा होना।
- ऑखी मा थूक ऑजना- दुख होने का दिखावा करना।
- आगी मा मूतना- अत्यधिक उत्पाती होना। अन्याय करना।
- आघू - पाछू होना- ताक में रहना।
- आधा सीसी होना- गर्भवती होना।
- इहां खाना, उहां पीना- जल्दबाजी करना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- उछरत बोकरत ले खाना- खूब खाना।
- उम्मर भर के दुख झपाना- विधवा होना।
- उपर चल देना- मर जाना।
- एक ठन ताग नई उपकाना- कुछ भी बिगाड़ नहीं पाना।
- एक खेत के ढेला होना- गुण स्वभाव में एक सा होना।
- एके लउठी मा खेदना- सभी से समान व्यवहार।
- ओन्नईस होना- कुछ कमजोर होना।
- औने पौने मा बरोना- लाभ हानि पर ध्यान न देते हुए बेचना।
- कठवा के ऑखी अउ पथरा के छाती करना- विपत्ति के समय अधीर न होना।
- कॉदा खा के मातना- भ्रमित होना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- कान फुंकवाना - दीक्षा लेना।
- काली के लइका होना- अनुभवहीन होना।
- किरिया पारना- कसम खाना।
- कुकरी उड़ान- थोड़ी ही दूर।
- कोचक के घाव बनाना- जबरदस्ती दुश्मनी बढ़ाना।
- खड़े खड़े मूतना- खूब डर जाना।
- खनिस खपटिस पथरा, पाइस छुछुवा- अधिक परिश्रम का बहुत ही कम फल पाना।
- खवा के उगलना- अपमान करना।
- खा के हागना- नमकहरामी करना।
- गज भर के छाती होना- हिम्मती होना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- गाल बजाना- विवाद करना।
- गुर- गोबर करना- बिगाड़ देना।
- गुहूं खाना- अन्याय करना।
- गोबर बीनना- व्यर्थ का कार्य करना।
- गोरसी के आगी होना- भीतर ही भीतर ईर्ष्या रखना।
- गोहार पारना- खूब विलाप करना।
- घड़ी मार के आना- विलंब से आना।
- घर फुक के तमासा देखना- थोड़ा सा सुख पाने के लिए अपना घर बर्बाद करना।
- घॉठा परना या मरना- अभ्यस्त होना।
- घासी कस बइला किंजरना- जल्दी समाप्त न होने वाली उलझन में फंसना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- चारो खुरा मा दिया बारना- मृत्यु का शाप देना।
- चुचुवा के रहना- निराश होना।
- चूदी हटकना - अपमानित करना।
- चेथी के मांस खाना- शोषण करना।
- चोपी पांव मढ़ाना- बिना आवाज किए चलना।
- छाती छोलना- परेशान करना।
- छाती मा पथरा लदकना- ह्दय को कठोर करना।
- छान्हीं मा होरा भूंजना- बहुत अत्याचार करना।
- छोटे ऑखी के होना- नीयतखोर होना।
- जउॅहर होना- विपत्ति आना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- जमीन डोलना- पैतृक जमीन बेचना।
- जवां के फूल होना - दूर्लभ होना।
- जॉगर टूटना- निकम्मा होना।
- जाने बर न ताने बर धरे बर खोकसा- बिना कार्य किए फल की आशा करना।
- जी कचोटना- अखर जाना।
- जी के काल होना- समस्या होना।
- जौंहर होना- सत्यानाश होना।
- झोरी धराना- एकदम भिखमंगा बनाना।
- टीप जीभ मा होना- याद होते हुए भी ख्याल नहीं आना।
- टेटका नई खुसरना- एकदम घना होना।
chhattisgarhi 10 muhavare
- टेही पारना- उंची आवाज से बुलाना।
- टोनही चुहकना- एकदम दुर्बल हो जाना।
- ठेठरी होना- दुर्बल् होना।
- ठोंक बजा के लेना- जांच परख कर लेना।
- डांग चढ़ के मूतना- अन्याय करना।
- डांड़ देना- जुर्माना देना।
- डेहरी के माटी खाना- प्रेम होना।
- डेरी हॉत के खेल होना- आसान कार्य होना।
- ढिल्ला संढ़वा होना- निर्विघ्न उत्पात मचाना।
- तइहा के बात ला बइहा लेगना- प्रचलन समाप्त होना।
- तरी मुंड करना- लज्जित होना।
- तुतारी लगाना- पीछे पड़ जाना।
छत्तीसगढ़ी मुहावरे वाक्य में प्रयोग
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