Vishwakarma pooja 21-तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व ! vishwakarma jayanti 2021

vishwakarma puja 2021- तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व ! vishwakarma jayanti 2021

vishwakarma jayanti 2021। Vishwakarma Puja 2021

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''निर्माण का देवता'' शिल्‍पदेवता'' शिल्‍पाचार्य'' आदि कई नामों से भगवान विश्व​कर्मा को जाना जाता हैं। भगवान विश्व​कर्मा को सभी कलाओं का स्‍वामी या देवता कहा जाता हैं। (lord of the art)। विश्वकर्मा जयंती के उपलब्‍ध पर अपनी दुकान, कारखानों, फैक्‍ट्री, वर्कशॉप में लोहे औजार, मशीन की पूजा की जाती हैं। भगवान विश्वकर्मा की पुजा की जाती हैं। विश्वकर्मा की मूर्ति की स्‍थापना की जाती है।  दुकानों में मिठाई का वितरण किया जाता है। प्रसाद में भोग जैसे खिचड़ी, पूरी सब्‍जी प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता हैं। 

विविध कारखानों में कर्मचारी को इन दिन भोज पर भी बुलाया जाता है और कही कहीं उन्‍हें बोनस भी दिया जाता है। लगभग विश्वकर्मा जयंती पर काम बंद रखा जाता हैं। और पूजा करके कर्मचारी आनंद से इस दिन को मानाते है। 


विश्वकर्मा जयंती 2021 में कब है । vishwakarma jayanti 2021 date विश्वकर्मा जयंती 2021 कब है ! 

2021 mein vishwakarma puja kab hai

Friday, 17September

Vishwakarma Puja 2021 in India

इस वर्ष 2021 में विश्व​कर्मा पूजा 17 सितंबर दिन शुक्रवार को है।

विश्व​कर्मा (vishwakarma puja 2021)पूजा मुहूर्त ! vishwakarma jayanti 2021

विश्व​कर्मा जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06 बजकर 07 मिनट से दूसरे दिन 18 सितंबर को सुबह 03 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा। विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2021 को मनाई जाएगी।विश्वकर्मा जयंती कन्या संक्रांति के दिन हर साल मनाई जाती है।

Vishwakarma Puja 2021- पूजा विधि ! विश्वकर्मा पूजा विधि

सुबह उठकर स्नान-ध्यान के बाद धार्मिक मन से अपने औजारों, मशीन आदि की सफाई करके विश्वकर्मा जी की मूर्ति या चित्र की पूजा करनी चाहिए। उन्हें फल-फूल भोग आदि चढ़ाना चाहिए।

पूजा के दौरान ॐ विश्वकर्मणे नमःमंत्र उच्‍चारण अवश्य करना चाहिए। इसके बाद इसी मंत्र से आप हवन करें और उसके बाद विश्वकर्मा की आरती करके प्रसाद और भंडारा का वितरण करना चाहिए। 

विश्व​कर्मा का अर्थ (vishwakarma ka matlab)

पुराणों के अनुसार विश्व​कर्मा का अर्थ- विश्व​कर्मा नाम देवताओं के बढ़ई का है। विश्व​कर्मा के अर्थ में कला कौशल का विषय उपस्थित है।

भगवान विश्व​कर्मा का जन्‍म । (vishwakarma kiske putra the)- 

ब्रम्‍ह वैवर्तपुराण के अनुसार ब्रहा जी से विश्व​कर्मा का जन्‍म हुआ। विश्व​कर्मा का जन्‍म अष्‍टवसु में से एक प्रभास एवं वृहस्‍पति की बहन वरस्‍त्री से माना जाता है।

भगवान विश्व​कर्मा का महत्‍व। vishwakarma ka itihas 

  • अथर्ववेद एवं समावेद के अनुसार- संसार को बनाने वाले अनेक प्रकार के ज्ञान से युक्‍त सर्वद्रष्‍टा, सर्वोत्‍तम, आद्तिय, अन्‍य देवी और देवियों के साथ प्रीति से रहने वाले यज्ञ कर्मों के आधार स्‍तम्‍भ भगवान विश्‍कर्मा को सभी देवों में श्रेष्‍ट माना गया है।
  • विश्व​कर्मा ने देव लोक में अनेक देवताओं का महल एवं मंदिर का निर्माण किया हैं।
  • देवाताओं के वाहनों को निर्माण शिल्‍प देव विश्व​कर्मा ने किया था। उन्‍होंने अर्जुन का रथ, रथ पर ध्वज, सूर्य का रथ, आयुध वज्र में शिव व विष्‍णु के धनुष, राम के लिए दिव्‍य धनुष, विष्‍णु के लिए सुदर्शन चक्र, श्री राम का दारूण अस्‍त्र, दुर्गा के लिए परशु,शिव का पिनाक, अर्जनु का त्‍वाष्‍ट्र का निर्माण विश्व​कर्मा ने ही किया था।
  • भगवान विश्व​कर्मा ने ही लक्ष्‍मी का आभूषण, स्‍कन्‍द के गले की माला, विशिष्‍ट महल एवं भवन, दुर्ग एवं किला, अगस्‍त भवन, इन्‍द्र का महल,कुबेर का भवन, एवं यमराज एवं वरूण का सभा स्‍थल आदि का निर्माण किया हैं।  
  • भगवान विश्व​कर्मा को आदि शिल्‍पकार या आदि शिल्‍पी कहा गया है(तैतरिय आरण्‍यक में )।  चित्रकला एवं मूर्तिकला के विकास में विश्व​कर्मा का महान योगदान माना जाता है। मूर्तिकला के अन्‍तर्गत इस देवता द्वार कला का प्रर्वतन और निर्माण किया गया।
  • साम्‍ब पुराण में सुर्य प्रतिमा निर्माण की कथा उपस्थित है कि प्राचीन समय में सुर्य की कोई प्रि‍तमा नहीं थीउनके गोलाकार रूप की पूजा की जाती थी। विश्व​कर्मा ने मानवाकार प्रतिमा निर्मित किये जाने के पश्‍चात प्रतिमा पूजा प्रचलित हुई। एवं विष्‍णु का शंक,चक्र, गदा,पद्मधारिणी, चतुभुर्जी प्रतिमा का निर्माण किया।
  • शिवलिंग का निर्माण कर शिव की पूजा को जगत में प्रचलित किया। इन्‍द्र के लिए मणि का लिंग बनाकर पूजा हेतु प्रदान किेया। वाराणसी में विश्‍वकर्मेश्‍वर नामक शिवायतन तथा शिवलिंग का निर्माण किया। देवलोक में कई सारी मुर्तियां का निर्माण भगवान विश्व​कर्मा ने किया है।
  • ओडि़सा का प्रसिद्ध जगन्‍नाथ मूर्तियों का निर्माण विश्व​कर्मा ने ही किया था। भगवान जगन्‍नाथ के मंदिर के निर्माण की बात प्रचलित है एवं जगन्‍नाथ्‍ की मूर्ति का निर्माता भी विश्व​कर्मा को ही माना जाता हैं।
  • नारद पुराण के अनुसार बलराम वासुदेव एवं सुभद्रा की प्रतिमाओं का निर्माण भी भगवान विश्व​कर्मा ने ही किया था।
  • आगे चलकर विश्व​कर्मा के शिष्‍य एवं उनके परिवार ने अपनी शिल्‍पकारीता को बनाये रखा हैं।

भगवान विश्व​कर्मा के रूप -

  1. द्विमुखी विश्व​कर्मा
  2. चतुर्भुज विश्व​कर्मा
  3. दशमुखी विश्व​कर्मा

भारत में सभी शिल्‍पकार वर्गों का आराध्‍य देवता विश्व​कर्मा तथा इसके पांचो पुत्रों को माना जाता हैं

विश्व​कर्मा पुराण में विश्व​कर्मा के पांच पुत्रों को बताया गया हैं-मनु, मय, त्‍वष्‍टाशिल्‍पी, दैवज्ञ हैं।

  • मनु - लौह कर्म iron work
  • मय- काष्‍ठ कर्म wood work
  • त्‍वष्‍टा- कांस्‍य कर्म bronze work
  • श्ल्पिी- पाषाण कर्म stone work
  • दैवज्ञ- सुवर्ण कर्म  golden work

 

भगवान विश्व​कर्मा की प्रतिमाऐं-

  • केरल की काष्‍ठ प्रतिमा
  • खजुराहों के विश्‍वनाथ मंदिर की शिखर प्रतिमा
  • चितौड़ के कीर्ति स्‍तम्‍भ की प्रतिमा
  • अखाज गुजरात की प्रतिमा में भगवान विश्व​कर्मा की प्रतिमा का उल्‍लेख मिलता हैं।

Disclaimer-

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