भारत में कृषि क्रांतियां Agriculture revolutions
भारत में कृषि के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के क्रांतियां हुइ्र है यह क्रांतियों से सम्बधित प्रश्नों को बार बार परीक्षाओं में पूछा जाता हैं नीचे सारी प्रमुख भारत में कृषि क्रांतियां (Agriculture revolutions in india) बताई जा रही हैं।
1. हरित क्रांति- खाद्यान्न उत्पादन
- विश्व में हरित क्रांति की स्थापना 1943 मे मैक्सिको निवासी डाॅ नार्मन ई0बोरलॉग ने की थी। हरित क्रांति शब्द का जनक विलियम गेडे है।
- भारत में हरित क्रांति की शुरूआत 1966-67 में एम. एस. स्वामीनाथन ने की, जिन्हें भारत में हरित क्रांति का संस्थापक माना जाता है।
- हरित क्रांति के लिए कुल छः फसलों को चुना गया था-गेंहू, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का व राई। लेकिन सर्वाधिक वृद्धि गेहूँ की फसल में हूई तथा चने व बाजरे के उत्पादन में कमी हूई।
- भारत में सर्वाधिक वृद्धि पंजाब, हरियाणा, उतरप्रदेश में हुई तथा राजस्थान में सर्वाधिक वृद्धि गंगानगर व हनुमानगढ़ में हूई।
- इसका दूसरा चरण 1987 में शुरू किया गया जिसमें चावल की फसल को लाभ मिला।
2. श्वेत क्रांति- दुग्ध उत्पादन
- श्वेत क्रांति संस्थापक डॉ वर्गीज कुरियन को माना जाता है, जिन्होंने 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड' कार्यक्रम की शुरूआत की।
| मत्स्य उत्पादन |
| उर्वरक उत्पादन |
| अंडा उत्पादन |
| तिलहन उत्पादन |
| पेट्रोलियम उत्पादन |
| टमाटर/मासं उत्पादन |
| झींगा मछली उत्पादन |
| मसाला उत्पादन |
| फल उत्पादन |
| नदी जोडा़े परियोजना |
| आलु |
| इलेक्ट्रोनिक्स |
| बास उत्पादन |
| सीमेन्ट उत्पादन |
| कपास उत्पादन |
| मोटे अनाज उत्पादन |
| भिण्डी उत्पादन |
| चाय उत्पादन |
| केसर उत्पादन (जम्मू कश्मीर) |
| जैव तकनीकी से कृषि उत्पादन |
| सभी क्रांतियों को बढ़ावा देने से संबंधित |
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